Friday, December 19, 2008

आज से शुरू करें व्यक्तित्व का विकास

आम तौर पर लोग व्यक्तित्व विकास (पर्सनलिटी डेवलपमेंट) को जरूरी नहीं मानते। मगर, जिस तरह बिना सुगंध किसी फूल की कोई अहमियत नहीं होती, उसी तरह बिना व्यक्तित्व के आपकी कोई अहमियत नहीं है। मैं यह नहीं बताना चाहता कि दुनिया भर में मानवों की संख्या कितनी है, पर यह जरूर बताना चाहूंगा कि उनमें मानवों में हरेक की अलग-अलग पहचान है। क्यों है? निश्चित रूप से उनकी पहचान उनके व्यक्तित्व की वजह से ही है। आपका व्यक्तित्व कैसा हो, यह बिल्कुल आपके ऊपर ही निर्भर करता है। आपके द्वारा की जाने वाली एक-एक हरकत आपके व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होती है। बचपन से बुढ़ापे तक, जनवरी से दिसंबर तक, सुबह से शाम तक आदमी दूसरे के ही बारे में ही सोचता है, घुलता है और खत्म हो जाता है। उसके पास अपने बारे में सोचने का वक्त ही नहीं होता। आपके व्यक्तित्व का विकास तभी संभव होगा, जब आप अपने बारे में सोचना शुरू करेंगे। सवाल है कि इसकी शुरुआत कब करें। इसे तो आप भी मानते होंगे कि अच्छे काम को शुरू करने के लिए कोई समय नहीं होता। तो क्यों नहीं, इसकी शुरूआत आज से कर दी जाय। व्यक्तित्व विकास पर और भी बातें अगले दिन। धन्यवाद।

No comments:

Post a Comment

टिप्पणियों का मतलब विचार... अपने विचार जरूर व्यक्त कीजिए।