Monday, November 12, 2012

जरा दीये जलाना...

एक बाती 

ओ साथी    

अंधेरा घना है
जरा दीये जलाना
जरा हाथ बढ़ाना
अंगुलियों के रास्ते
संभलकर
घिसना 
तीलियां
माचिस की
जिन्हें जल जाना है
जिन्हें जल कर भी
दीया जलाना है
एक बाती
ओ साथी
जरा दीये जलाना
जरा हाथ बढ़ाना .......

दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ।

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